Toolkit kya Hai – दोस्तों इस टाइम इंडिया पर सब से हल चली घटनाये यहीं Toolkit मामला। शायद आपको इसके बारे में न पता हो की Toolkit मामला क्या हैं, और इसके साथ जुड़े सरे घटना के बारे में । आज में यह पर आपको लिए इस समय का सबसे महत्वपूर्ण Toolkit केस के बारे में बताने वाले हु। और मुझे उम्मीद हे सरे इंटरनेट पर आपको इस तरीके का डिटेल्स में Toolkit Kya Hain इसके बारेमे नहीं पता चले गए।

खली एक शब्द ( Toolkit ) आज पूरा दुनिया को हिला रख्खा हैं। इस लिए सब को मालूम होना चाहिए की किया हैं यह Toolkit . और किउ इस तरह मुद्दा खरा हुआ हैं यह Toolkit सब्द को लेकर। देखिये यह जो सिस्टम हैं टूलकिट का यह नया नहीं हे, इस तारा की काम दुनिया पे पहले भी हो चूका हैं और बहुत बार भी हो चूका हैं। तो चलिए देखते हैं – What Is Toolkit In Hindi
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Toolkit kya Hai
देखिये Toolkit को समझ ने केलिए आपको थोड़ा प्रैक्टिकल होना चाहिए, किउ की इंटरनेट पर Toolkit को लेकर बहुत सरे बात आपको मिल जायेगे, और आप अगर थोड़ा प्रैक्टिकल के साथ समझ ने के कोसिस करोगे तो बहुत आसानी से आपको इसी Toolkit के बारे में पता चल जायेगा।
जब इंडिया ब्रिटिश के पास पराधीन थे तब देश के अंदर बहुत सरे छोटे छोटे इलाके की लोगो को लेकर मुद्दा / MOVEMENT , खरा होता था। तब इस तरीके का मुद्दे को बहोत सरे इलाके में फैलने केलिए लोग DIARY का इस्तेमाल करते थे, नहीं तो कवी लेटर के भी इस्तेमाल किया करते थे। लेकिन अब इंटरनेट की जमाना हैं इस लिए अब इस तरीके का DIARY को इंटरनेट के माध्यम में उसे किया जाता हैं।
आज के दिन में जब कोई बड़ा सा मुद्दा होता हैं तब अन्तर नेट पर DIARY जैसे TOOL को इस्तेमाल किया जाता हैं। जब इंटरनेट पर यैसे एक डायरी को बनाया जाता हे और उसको किसी प्रकार की मुद्दे पर बनके लोगो के पास शेयर करते है, और उससे मुद्दे पर लोगो की ओपिनियन लिया जाता हे तब इस तरह की DIARY को TOOLKIT कहा जाता हे।
अब देखिये यह टूलकिट में फ़ायदा क्या हैं ?
- दुनिया की हर आदमी के पास अब इंटरनेट की सुबिध्या हैं, इस लिए बहुत आसानी से लोगो तक यह बात / टूलकिट पहुँच जाते हे। और उसी टूलकिट पर कोई भी मतदान भी के पते हैं।
- टूलकिट के जरिये फैला हुआ मुद्दे को बहुत आसान तरीके में बहुत सरे लोगो तक शेयर किया जाता है।
- बहुत काम समय में एक आंदोलन की रूप रेखा बनाने के लिए मदत करते हैं।
- टूलकिट इस्तेमाल करके रियल टाइम पर लोग इसमें मत दान कर पते हैं।
- एक बड़ा कम्युनिटी बनाने की समता रखते हैं टूलकिट।
- कोई भी देस की छोटा सा मुद्दा भी अन्तर्जातिक स्टोर में फेल जाते हैं,
- कोई भी मूवमेंट से पहले उसका एक मैप भी हो जाता हैं।
- कोई भी देश की कोई भी आदमी इसमें मतदान करसकते हैं। – AUR इतने सुबिधाये पहले टूलकिट पर मतलब DIARY पर नहीं हुआ करते थे।
इसी लिए आज की इंटरनेट के ज़माने में VIRTUAL की टूलकिट को उसे किया जाते हे।
आज के दिन में इंटरनेट पर इस तरीके का बहोत सरे DIARY मजुत हे। दुनिया की सबसे बड़ा आईटी कंपनी गूगल के पास भी उसकी खुद का एक DIARY SYSTEM हैं जिसको हम सब GOOGLE DOC के नाम पर जानते हे। और अभी जो हल चल चलरहा हैं बो इसी GOOGLE DOC से बनाया हुए एक TOOLKIT के बजे से।
देखिये दोस्तों, टूलकिट का इस्तेमाल करना कोई जुड़ुम का काम नहीं हे, आज दुनिया में बहुत सरे कॉर्पोरेट कंपनी इसी तरह की TOOLKIT को इस्तेमाल करके उसका बुसिनेस्स को बड़ा रहा हे, और मीटिंग भी चलते हैं TOOLKIT के जरिये। अगर आप इस तरह की टेक्नोलॉजी को खराबी में लगाओ गए तो उसका असर ख़राब ी होगा।
TOOLKIT CASE KYA HAI
दोस्तों अब एते हे अब के टूलकिट मुद्दा क्या है (TOOLKIT CASE KYA HAI ), इस के बारे में। इंडिया पर अब एक फार्मर को लेकर मुद्दा खरा हुआ हे, और इस को लेकर दुनिया के कही सरे लोग फार्मर के पोख्खो लिया हैं। कही बड़े बड़े सोशल एक्टिविस्ट भी इस फार्मर मूवमेंट पर सपोर्ट किया हैं।
इसी तरीके का एक पोरियाबरों एक्टिविस्ट GRETA THUNBERG मात्र 18 साल उम्र की ोनोने इंडियन फार्मर को पक्ष लिए और ट्विटेट किया हैं, जिसमे कहा की – जिनको इंडियन फार्मर मूवमेंट के बारे में पता नहीं हे उसको यह पढ़कर सईद मालूम हो जायेगा, और सब कुछ आसान हो जायेगा, यह सरे बात ोनोने 300 वर्ड के डिटेल्स में बताया।
और यह जो ट्वीट किया है इस में एक DOC FILE में एक TOOLKIT को चोर दिए जिसमे अपनी खुद की ओपिनियन और कैसे इन फार्मर के साइड लेना हैं इसके बारे मतदान देने केलिए बताया हैं।
GRETA THUNBERG ने उसी TOOLKIT के अंदर बताया की – जिन जिन देस में इंडियन रहते हैं उसी देश के अंदर इंडियन एम्बसी के सामने फार्मर लोगो की हो कर सरे को प्रोटेस्ट करना हैं, और उसी प्रोटेस्ट की फोटो वीडियोस को भी जितने सरे हो सके सोशल मीडिया पर शेयर करना हैं।
बात यह तक ठीक था, लेकिन जब इंडियन पोरिअबरन एक्टिविस्ट DISHA RAVI ने GRETA THUNBERG की TOOLKIT को एडिट करके इंडियन फार्मर प्रोटेस्ट के बारेमे कुछ उल्टा सीधा लिखा और उसी TOOLKIT को सोशल मीडिया और खुद की क्रिएट किया व्हाट्सप्प ग्रुप पर शेयर क्या तब सुरु हुआ हल चल।
इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस दिशा रवि पर आरोप लगाया और उसको ग्रिफ्तार करलिया । DISHA RAVI बैंगलोर में रहने वाली एक एक्टिविस्ट हे, जो FFF ( FRIDAY FOR FUTURE )के नाम से एक एक्टिविटी को 2020 में सुरु किया हैं, वो भी पोरिअबरन को लेकर।
हाला की इस घटनाये की बाद बहुत सरे रोमोर हो गए है दिशा रवि को लेकर। कही तरह की आरोप उन पर लग चुके हे अब तक,
और इंडियन लॉ प्रोटोकॉल के मुताबिक – DISHA RAVI टूलकिट को एडिट किया था और उसने फार्मर स्ट्राइक के लाइफ लाइन दिया था इस लिए ुकणो पुलिस ने ग्रिफ्तार कर लिया हैं, गोवेर्मेंट को कहना हैं।
देखिये दोस्तों यह पर जिटंर सरे बात मैंने बताया हैं वो मेरा बात नहीं हैं, खली TOOLKIT KYA HAI यह मेरा ओपिनियन हैं। और इंडियन फार्मर को लेकर जितने सरे प्रॉब्लम हुआ हे, मतलब मैंने जो बताया हे, वो इंटरनेट से कलेक्ट किया गए हे।
और एक बार – प्रोटेस्ट करने का हक़ सब को हैं , इंडिया एक सेकुलर गोनोतांत्रिक देश हैं, यह पर सबको अधिकार हैं की वो उसकी मतदान को पेश कर सकते हे, लेकिन किसी की यह ठीक नहीं होता हे की देश की कानों को हैट में ले और कानों की ोपबाबोहार करे। में खुद भी इस काम का बिरोध करता हु।
दोस्तों और एक बात अगर आपको दिशा रवि और ग्रेटा थुनबेर्ग के बारे में और भी जान करि चाहिए तो अप्प जरूर मुझे कमेंट कर सकते हो, में आपकी मदत करूँगा , धन्यवाद.।